क्यों होता है Rent Agreement 11 महीने का? समझें किरायेदार और मकान मालिक के फायदे
भारत में जब भी कोई किराए पर मकान लेता है या देता है, तो अक्सर देखा गया है कि Rent Agreement यानी किराया समझौता 11 महीने के लिए ही बनता है। लेकिन आखिर क्यों? 12 महीने या उससे ज्यादा का एग्रीमेंट क्यों नहीं? इसके पीछे कानूनी और वित्तीय दोनों तरह की वजहें हैं, जो मकान मालिक और किरायेदार दोनों के लिए फायदेमंद होती हैं।
आइए इस आर्टिकल में विस्तार से समझते हैं –
11 महीने का Rent Agreement क्यों बनाया जाता है?
भारतीय कानून के अनुसार, अगर कोई किराया समझौता 12 महीने या उससे ज्यादा के लिए बनाया जाता है, तो उसे अनिवार्य रूप से रजिस्टर कराना होता है। यानी उस दस्तावेज को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर कानूनी तौर पर रजिस्टर्ड कराना पड़ेगा।
रजिस्ट्रेशन कराने पर:
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स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है
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रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी पड़ती है
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प्रोसेस समय लेने वाला होता है
जबकि 11 महीने का किराया समझौता सिर्फ एक Notarized Agreement के तौर पर तैयार किया जाता है, जो सस्ता, सरल और त्वरित होता है। इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं होता और कानूनी जटिलताएं भी कम रहती हैं।
मकान मालिक के फायदे
1. कानूनी बोझ से राहत
अगर एग्रीमेंट 11 महीने का होता है, तो मकान मालिक को रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी की झंझट से मुक्ति मिलती है।
2. किरायेदार बदलने में आसानी
11 महीने बाद मकान मालिक अपनी स्थिति के अनुसार किरायेदार को बदल सकता है या किराया बढ़ा सकता है।
3. कम खर्च
रजिस्टर कराए बिना मकान मालिक समय और पैसे दोनों बचाते हैं।
किरायेदार के फायदे
1. कम खर्च में एग्रीमेंट
किरायेदार को भी स्टांप ड्यूटी या रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी पड़ती, जिससे उनके लिए सस्ता पड़ता है।
2. फ्लेक्सिबिलिटी
अगर किसी कारण से किरायेदार को मकान छोड़ना हो, तो 11 महीने का करार छोटा समय माना जाता है और एग्रीमेंट खत्म होने के बाद बिना ज्यादा कानूनी परेशानी के आगे बढ़ा जा सकता है।
3. सुरक्षा
भले ही एग्रीमेंट रजिस्टर्ड न हो, फिर भी नोटरी वाला एग्रीमेंट एक मजबूत दस्तावेज होता है। किरायेदार अपने अधिकारों के लिए इसका उपयोग कर सकता है।
क्या 11 महीने से ज्यादा का एग्रीमेंट नहीं बना सकते?
बिलकुल बना सकते हैं! अगर मकान मालिक और किरायेदार दोनों चाहें तो 12 महीने या उससे ज्यादा का एग्रीमेंट कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए:
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रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा
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स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ेगी
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दस्तावेज को कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा
लंबी अवधि का एग्रीमेंट आमतौर पर उन मामलों में होता है जहाँ किरायेदार लंबे समय तक रहना चाहता है, जैसे कि कॉर्पोरेट ऑफिस, स्कूल, या कमर्शियल किराया।
11 महीने का Rent Agreement बनाना भारतीय बाजार में एक सुविधाजनक और किफायती तरीका है, जिससे मकान मालिक और किरायेदार दोनों को कानूनी बोझ से बचाव मिलता है। यह एक स्मार्ट और व्यावहारिक विकल्प है, खासकर जब किराए का मकान अस्थायी या सीमित समय के लिए चाहिए। अगर स्थायित्व और दीर्घकालिक अनुबंध चाहिए, तो रजिस्टर कराना बेहतर रहता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –
1. क्या Rent Agreement 11 महीने से ज्यादा का बन सकता है?
हां, लेकिन 12 महीने या उससे ज्यादा का एग्रीमेंट करवाने पर उसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाता है, जिससे स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस लगती है।
2. 11 महीने का Rent Agreement कानूनी रूप से मान्य होता है क्या?
हां, अगर वह नोटरी द्वारा सत्यापित (Notarized) है और दोनों पक्षों ने सहमति से साइन किया है, तो यह एक मान्य दस्तावेज होता है।
3. 11 महीने के बाद एग्रीमेंट खत्म हो जाए तो क्या करना चाहिए?
11 महीने पूरे होने पर आप चाहे तो उसी एग्रीमेंट को रिन्यू कर सकते हैं या नया एग्रीमेंट बना सकते हैं।
4. क्या Rent Agreement को ऑनलाइन बना सकते हैं?
हां, आजकल कई वेबसाइट्स और एप्स जैसे NoBroker, MagicBricks आदि ऑनलाइन Rent Agreement की सुविधा देते हैं, जहाँ आप डिजिटल साइन और नोटरी दोनों करवा सकते हैं।
5. Rent Agreement में क्या-क्या जानकारी शामिल होनी चाहिए?
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मकान मालिक और किरायेदार की जानकारी
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किराए की राशि
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जमा राशि (Security Deposit)
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अवधि (Duration)
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मकान का पता
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शर्तें और नियम
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दोनों पक्षों के हस्ताक्षर